उत्तराखण्ड

जौनसार-बावर में राशन संकट पर डीएम सख्त, विक्रेताओं को चेताया

दो माह से बंद राशन वितरण व्यवस्था अब पटरी पर, प्रशासन ने संभाली कमान

देहरादून। जनपद के सुदूरवर्ती जौनसार-बावर क्षेत्र में बीते दो माह से लगभग 250 सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता गोदामों से राशन नहीं उठा रहे थे, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और स्कूलों में मिड डे मील जैसी योजनाओं में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो गया था। इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने त्वरित एक्शन लेते हुए एक उच्च स्तरीय टीम गठित कर क्षेत्र में भेजी।

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में गठित इस टीम ने मौके पर पहुंचकर सस्ता गल्ला विक्रेताओं से संवाद किया और उन्हें उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया। साथ ही, जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया कि यदि कार्य में लापरवाही बरती गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की पहल के बाद अब अगले सप्ताह से आंतरिक गोदामों से खाद्यान्न उठान का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सरकारी मशीनरी से घर-घर राशन वितरण की प्रक्रिया शुरू कर चुका था।

इस मुद्दे पर समाधान हेतु प्रशासन और जौनसार-बावर सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता एसोसिएशन के बीच बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में विक्रेताओं ने भाग लिया। बैठक में तय किया गया कि 7 जून से ई-पॉस मशीनों का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा और 10 से 12 विक्रेता प्रतिदिन गोदामों से खाद्यान्न उठान और प्रशिक्षण प्रक्रिया में भाग लेंगे।

सभी गोदाम प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक दिन गोदाम खुले रखें, राशन और मशीनों का वितरण सुनिश्चित करें और नियमित रूप से अपने कार्यस्थलों पर उपस्थित रहें।

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