उत्तराखण्ड

बादल फटने से उत्तराखंड के धारचूला के घटखोला क्षेत्र में हुई तबाही के बाद अध्ययन करने पहुंची वाडिया की टीम

नेपाल के दार्चुला के ऊंचाई वाले क्षेत्र दललेख में बादल फटने से उत्तराखंड के धारचूला के घटखोला क्षेत्र में हुई तबाही के बाद जहां सरकार और जिला प्रशासन की ओर से आपदा प्रबंधन को लेकर कदम उठाए गए हैं, वहीं आपदा से जुड़े पहलुओं का अध्ययन करने के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की टीम धारचूला पहुंच गई।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचॉद सांई ने बताया कि दार्चुला इलाके में बादल फटने से हुई तबाही से जुड़े तमाम पहलुओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा। संस्थान के दो वैज्ञानिकों सपनामिता चौधरी और पिंकी बिष्ट को धारचूला भेजा गया है, जो आपदा का अध्ययन करेंगी। बताया कि दोनों वैज्ञानिक इस बात का भी अध्ययन करेंगी कि धारचूला क्षेत्र में बादल फटने जैसी आपदा से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है। यह पहली बार नहीं है, जब राज्य में प्राकृतिक आपदा आने के बाद वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की टीम अध्ययन में जुटी है।

पिछले साल चमोली के रैणी में हिमस्खलन के बाद आई आपदा के बाद संस्थान के वैज्ञानिकों की कई टीमों ने विस्तृत अध्ययन किया था। संस्थान के वैज्ञानिकों ने ही अध्ययन के बाद रिपोर्ट सौंपी थी कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के साथ बारिश होने व ग्लेशियर टूटने से भयावह प्राकृतिक आपदा आई थी। वैज्ञानिकों ने आपदा के बाद नदियों के व्यवहार में आए बदलाव का भी अध्ययन किया था। अध्ययन की रिपोर्ट को साइंस जर्नल में भी प्रकाशित किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button