उत्तराखंड: ईंट भट्टों और खनन के कार्य संचालन को दी गई अनुमति
शासन ने लॉकडाउन में अब खान व खनन क्षेत्र में भी रियायतें दे दी हैं। सरकार ने स्वीकृत निजी, राजस्व व वन खनन पट्टों में खनिज व उप खनिज का चुगान व इसके परिवहन को शुरू करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बने ईंट भट्टों का संचालन शुरू करने की भी अनुमति दी गई है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि संक्रमित क्षेत्रों में यह अनुमति नहीं दी जाएगी। जो मामले विभिन्न कोर्ट में लंबित चल रहे हैं, वहा खनन की अनुमति नहीं होगी।
हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में जो स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लाट निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते तो, वे भी संचालित नहीं हो पाएंगे। हालांकि, भंडारण के मानकों को पूरा करने पर उन्हें पहले से ही जमा सामग्री को बेचने की अनुमति मिल सकेगी। बुधवार को अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में निदेशक खनन और सभी जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए। इन निर्देशों में कहा गया है कि नैनीताल, हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर जिलों में मानकों को पूरा करने के बाद ही स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लाट चल सकेंगे।
रिवर ट्रेनिंग व खनन पट्टे भी मानक पूरा करने पर संचालित किए जा सकेंगे। इन नियमों के अनुपालन कराने का दायित्व जिले के खान अधिकारी, सहायक भू-वैज्ञानिक, भू-वैज्ञानिक एवं उप निदेशक पर होगा। आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन सभी स्थानों पर सीमित श्रमिकों के साथ ही काम शुरू किया जाएगा। श्रमिकों की आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होगी।
सभी पट्टा स्वामी, ईंट भट्टा स्वामी एवं कार्यदायी संस्था द्वारा प्रत्येक श्रमिकों के लिए मास्क, दस्तानें, हैंड सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाएगी। श्रमिकों के रहने की व्यवस्था कार्य क्षेत्र के आसपास ही रहेगी। बिना वैध पास व मास्क वाले व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाए। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र को नियमित रूप से सेनिटाइज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन ने स्पष्ट किया है खनन की अनुमति देने के लिए विभागाध्यक्ष कार्यालय, भूतत्व एवं खनिकर्म ईकाई के समस्त जनपदीय कार्यालय भी इस खोले जाएंगे। हालांकि, यहा भी बेहद सीमित स्टाफ रखने को कहा गया है।