गैरसैंण विवाद में दो कैबिनेट मंत्री बोले, अब तो फैसला हो जाना चाहिए
गैरसैंण राजधानी के सवाल को भले ही दोनों ही प्रमुख सियासी दल भाजपा और कांग्रेस अब तक टालते आए हों, लेकिन मौजूदा सरकार के दो कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और मदन कौशिक चाहते हैं कि गैरसैंण पर अब फैसला हो जाना चाहिए। उनका कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य सभी सुविधाओं के दृष्टिकोण से गैरसैंण उपयुक्त है। उधर, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि गैरसैंण को लेकर उनकी धारणा सभी को पता है। उम्मीद है कि इस विषय का पटाक्षेप होगा और सरकार आने वाले समय में जल्द ही कोई फैसला लेगी।
उत्तराखंड के मध्य में स्थित चमोली जिले के गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानभवन के साथ ही मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायकों के साथ ही अधिकारियों के आवास तैयार हो चुके हैं। सरकार ने अब यहां मिनी सचिवालय के लिए भूमि भी चयनित कर ली है और राज्यपाल के अभिभाषण में भी इसका जिक्र हुआ है। हालांकि, ये बात भी सही है कि सियासी गुणा-भाग के दृष्टिगत राज्य में अब तक राज करते आए दोनों ही प्रमुख दल गैरसैंण के सवाल को टालते आए हैं।
इस बीच, मौजूदा सरकार के दो कैबिनेट मंत्री अरिवंद पांडेय और मदन कौशिक गैरसैंण के पक्ष में आगे आए हैं। मीडियार्किमयों से अलग-अलग अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सभी आधारभूत सुविधाएं जुटाई जा चुकी हैं। यह स्थल हर दृष्टिकोण से उपयुक्त है। अब तो इस पर फैसला हो ही जाना चाहिए।
उधर, पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि गैरसैंण में दूसरी बार बजट सत्र हो रहा है। यह गैरसैंण के लिए ऐतिहासिक है। गैरसैंण को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सबको मेरी धारणा पता है। गैरसैंण शहीदों का सपना और जनता व आंदोलनकारियों की भावना का केंद्र है। विधानसभा प्रत्येक राष्ट्रीय पर्वों को यहां धूमधाम से मनाती आई है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में खूबसूरत इमारत समेत अन्य इन्फ्रा तैयार हो चुका है और उम्मीद है सरकार जल्द निर्णय लेगी। साथ ही कहा कि स्वाभाविक तौर पर इस विषय का पटाक्षेप हो जाना चाहिए।