उत्तराखण्ड

त्रिवेंद्र सिंह रावत और जोत सिंह गुनसोला मतगणना स्थल पर लगे गले

देहरादून: राजधानी के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज स्थित मतगणना स्थल में हरिद्वार लोकसभा के तीन और टिहरी लोकसभा सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना हुई।

उत्साहित प्रत्याशी सुबह ही मतगणना स्थल पहुंच गए थे। इसी दौरान हरिद्वार लोस सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत और टिहरी लोस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला मतगणना कक्ष के बाहर एक-दूसरे के आमने-सामने हो गए।

वीरेंद्र ने लिया गुनसोला से आशीर्वाद

हरिद्वार सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत मतगणना कक्ष का जायजा लेने पहुंचे। वहां से निकलते ही उनकी मुलाकात टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला से हो गई। उन्हें देखते ही वीरेंद्र रावत ने उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया। गुनसोला ने कहा कि ईश्वर करे आप हरिद्वार सीट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज करें।

देहरादून के मतगणना स्थल को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया था। मतगणना हाल के बाहर आइटीबीपी का पहरा था। जबकि, परिसर में पीएसी की दो प्लाटून मुस्तैद रही। इसके अलावा स्पोर्ट्स कालेज के गेट पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा थी। बिना अधिकृत पास के किसी को भी परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया।

जगह-जगह मेटल डिटेक्टर और सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा मजबूत की गई। मतगणना के दौरान भी सीसीटीवी कैमरे से सभी गतिविधियों पर नजर रखी गई। इसके अलावा जिलाधिकारी सोनिका और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह भी समय समय पर मतगणना स्थल का निरीक्षण करते रहे। देर शाम मतगणना पूर्ण होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।

कूलर-पंखे नहीं, पेड़ों की छांव ने दी राहत

देहरादून में सुबह से ही मौसम शुष्क था और चटख धूप खिली रही। मतगणना स्थल पर भी गर्मी ने खूब पसीने छुड़ाए। वैसे तो परिसर में जगह-जगह कूलर और पंखे लगाए गए थे, लेकिन सूरज की तपिश में सब बेअसर रहे। ऐसे में पुलिस समेत कई अन्य कर्मचारियों के लिए बनाए गए पंडाल में गर्मी ने बेहाल किया। जिस पर कार्मिक राहत पाने के लिए खुले में पेड़ों के नीचे बैठ गए। यह प्राकृतिक ठंडी हवा ने उन्हें काफी राहत दी।

जीत-हार नहीं संघर्ष बड़ी बात टिहरी लोकसभा सीट से निर्दल प्रत्याशी बाबी पंवार भले ही चुनाव हार गए। लेकिन, इससे न तो वह निराश नजर आए और न उनके समर्थकों का उत्साह ही कम हुआ। उनका कहना था कि जो भी जनादेश है, उन्हें स्वीकार है। जीत-हार नहीं संघर्ष बड़ी बात है। उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। बाबी के समर्थक भी मतगणना स्थल परिसर में शाम तक भी खासे उत्साहित नजर आए। उन्होंने बाबी को डेढ़ लाख से अधिक वोट मिलने पर खुशी जाहिर की और पक्ष में नारे लगाते हुए वहां से रवाना हुए।

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