उत्तराखण्ड

केदार सभा को मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन कि केदारनाथ नाम से नहीं होगा किसी दूसरे मंदिर का निर्माण

रुद्रप्रयाग। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति को लेकर चार दिन से चला आ रहा तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता के बाद स्थगित कर दिया गया।

केदार सभा के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि केदारनाथ नाम से किसी दूसरे मंदिर का निर्माण नहीं होगा। इसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में सभा कर आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने की घोषणा की।

इस बीच दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनवा रहे श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि धाम के नाम को लेकर अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह इसे बदलने को तैयार हैं। इससे पहले दोपहर में तीर्थ पुरोहितों ने अपनी मांग को लेकर चारों धाम में प्रदर्शन किया।

पिछले चार दिन से आंदोलित थे तीर्थ पुरोहित

चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के आह्वान पर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित पिछले चार दिन से आंदोलित थे। इस दौरान केदारनाथ धाम के साथ ही उन्होंने केदारघाटी में भी कई जगह प्रदर्शन किया।

इसके अलावा कांग्रेसियों ने भी दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाए जाने का कड़ा विरोध किया और इसमें प्रदेश सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया। हालांकि, मंगलवार को देहरादून में मुख्यमंत्री धामी से हुई वार्ता के बाद तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनसे वार्ता की।

मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि केदारनाथ नाम से किसी दूसरे मंदिर का निर्माण नहीं किया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों ने उनसे ट्रस्ट द्वारा मंदिर के नाम पर बनाए गए क्यूआर कोड को भी हटवाने की मांग की। तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट कहा कि केदारनाथ नाम पर दूसरा मंदिर बनता है तो विरोध में आंदोलन के साथ जरूरत पड़ने पर न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।

वहीं, दिल्ली में मंदिर बनवा रहे श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने देहरादून में पत्रकारों को बताया कि प्रदेश का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री धामी को पिछले दिनों मंदिर के भूमिपूजन के लिए दिल्ली बुलाया गया था। लेकिन, उत्तराखंड सरकार की ओर से मंदिर निर्माण में किसी भी तरह का सहयोग नहीं दिया गया है। इससे पूर्व, केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ के साथ ही बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाया जाना पूरी तरह गलत और परंपरा के विरुद्ध है।

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