उत्तराखण्ड

कैंची धाम में जल्द ही राज्य का पहला रूफटॉप हेलीपैड बनने जा रहा,40 करोड़ रुपये होंगे खर्च

 उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम में जल्द ही राज्य का पहला रूफटॉप हेलीपैड बनने जा रहा है। करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस हेलीपैड से कुमाऊं क्षेत्र के तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हेलीपैड के साथ ही यहां तीन मंजिला पार्किंग सुंदरीकरण प्रकाश व्यवस्था और आस्था पथ मार्ग का भी निर्माण किया जाएगा।

 देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में एक नैनीताल जिले के कैंची धाम से भी अब जल्द हेलीकाप्टर फर्राटा भरेंगे। कैंची धाम में हेलीपैड बनाने के लिए शासन से मौखिक स्वीकृति मिल गई है। करीब 40 करोड़ रुपये से यहां तीन मंजिला पार्किंग और उसकी छत पर हेलीपैड बनेगा।
मंदिर में सुंदरीकरण, प्रकाश और आस्था पथ मार्ग की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए मंदिर के पिछले हिस्से से वन-वे मार्ग का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के तीर्थाटन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को संवारने के लिए पर्यटन विभाग तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
वर्ष 2024 में इस मिशन में शामिल हुए कुमाऊं के 16 मंदिरों में से नौ के लिए करीब 44 करोड़ रुपये का बजट पहले चरण में जारी हो चुका है और कई मंदिरों में निर्माण भी चल रहा है। दूसरे चरण में अन्य शेष मंदिरों को संवारने का काम शुरू होगा। पहले चरण में जागेश्वर धाम, बैजनाथ, नैना देवी, कैंची धाम, पाताल रुद्रेश्वर, पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मां बाराही देवी, नंदा देवी मंदिर शामिल किए गए हैं।
सभी 16 मंदिर में निर्माण कार्य करीब 106 करोड़ रुपये की लागत से होने की उम्मीद है। पर्यटन विभाग ने यह योजना शुरू करने के दौरान ही कैंची धाम में हेलीपैड बनाने के लिए जगह तलाशने का कार्य शुरू कर दिया था। दैनिक जागरण ने 24 जून 2024 के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। उपयुक्त जगह न मिलने पर विभाग ने यहां पार्किंग की छत पर ही हेलीपैड बनाने का निर्णय लिया। यह प्रदेश का पहला रूफटाफ हेलीपैड होगा।
कैंची धाम में बनने वाली तीन मंजिला पार्किंग में करीब 436 वाहनों को खड़ा कर सकेंगे। इससे मंदिर के बाहर अल्मोड़ा-भवाली मुख्य मार्ग पर रोजाना लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी। पर्यटन विभाग ने सभी मंदिरों में निर्माण कराने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दे रखा है।

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