उत्तराखण्ड

24 घंटे के भीतर एम्स में कोरोना संक्रमित मरीज की दूसरी मौत

एम्स ऋषिकेश में गुरुवार सुबह कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत हो गई। 24 घंटे के भीतर एम्स में कोरोना संक्रमित मरीज की यह दूसरी मौत है। यहां अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या पांच पहुंच गई है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में बीते बुधवार सुबह दस बजे एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई थी। हालांकि महिला की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट मृत्यु के बाद आई थी। वहीं, 24 घंटे के भीतर गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे एम्स में एक और संक्रमित युवक की मौत हो गई। इसके साथ ही एम्स में कोरोना संक्रमित मरने वाले मरीजों की संख्या पांच हो गई है।

एम्स ऋषिकेश के नोडल ऑफिसर कोविड डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी एक 26 वर्षीय युवक दो जून को भर्ती हुआ था। जिसे दो दिन से सांस लेने में बहुत तकलीफ और बुखार था। यह जब अस्पताल में आए थे तो इनकी स्थिति अत्यधिक गंभीर थी, लिहाजा इन्हें इमरजेंसी में रखा गया था, कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इनका कोविड आइसीयू में उपचार चल रहा था, जहां गुरुवार सुबह युवक की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इससे पहले बीते बुधवार सुबह एक अन्य मुजफ्फरनगर पुरकाजी निवासी 25 वर्षीया महिला की मौत हो गई थी, जिसे अस्पताल में एक जून को भर्ती किया गया था। महिला को करीब दो सप्ताह से उल्टी और दस्त की शिकायत से पीड़ित थी।

लगातार बढ़ रहा मौत का आंकड़ा

 कोरोना के मोर्चे पर चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। न केवल संक्रमितों की संख्या बल्कि प्रदेश में अब मौत का ग्राफ भी बढ़ रहा है। अब तक कोरोना संक्रमित 11 लोगों की मौत हो चुकी है। यह अलग बात है कि इनमें से एक को भी कोरोना से हुई मौत के तौर पर स्वीकार नहीं किया है। इनमें ज्यादातर की वजह अन्य गंभीर बीमारियां बताई गई। हुकुमरान इस बात से भी तसल्ली कर सकते हैं कि इनमें तकरीबन पचास फीसद लोग उप्र से यहां इलाज कराने पहुंचे थे।

प्रदेश में कोरोना की दस्तक पंद्रह मार्च को हुई थी। उस हिसाब से कोरोना संकट को अब सवा दो माह से अधिक का वक्त बीत गया है। लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद प्रवासियों की आमद बढ़ी तो मरीजों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ता चला गया। ताज्जुब ये है कि तीन मई तक प्रदेश में जहां कोरोना संक्रमित सिर्फ एक मरीज की मौत हुई थी अब यह आंकड़ा 11 पहुंच गया है। मरीजों की कुल संख्या पर यदि आकलन किया जाए तो यह करीब 0.86 फीसद बैठेगा। देश में कोरोना मृत्यु दर 2.82 है। तुलनात्मक रूप से देखें तो हम बेहतर स्थिति में जरूर दिखाई दे रहे हैं पर हर अंतराल बाद आ रही कोरोना संक्रमित की मौत की खबर में आम जन की चिंताएं जरूर बढ़ रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक हुई 11 मौतों में छह अन्य गंभीर बीमारियों की वजह से हुई है। जबकि एक की वजह स्पष्ट नहीं है। तीन मामलों में रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, जहां कहीं भी कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है वहां अन्य बीमारियां भी मौत का कारक हैं। लेकिन इनकी गिनती कोरोना मौत के तौर पर ही की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि राज्य में इसे लेकर फेस सेविंग का गेम क्यों चल रहा है।

पौड़ी में क्वारंटाइन महिला-पुरुष की मौत

होम क्वारंटाइन बुजुर्ग महिला और पुरुष की गुरुवार को मौत हो गई। पौड़ी जिले में 24 घंटे के अंतराल में क्वारंटाइन में तीन और 19 दिन के भीतर आठ लोगों की मौत हुई है। 70 वर्षीय गंगा देवी 22 मई को हरिद्वार से द्वारीखाल ब्लॉक के जसपुर गांव गांव लौटी थी। यहां पहुंचने पर उन्हें सात दिन का संस्थागत क्वारंटाइन रखा गया, इसके बाद 29 मई को होम क्वारंटाइन भेज दिया। तीन मई की रात वृद्धा की तबीयत खराब हो गई। ग्राम प्रधान दीपक कुमार की सूचना पर स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। एसडीएम अपर्णा ढौढ़ियाल ने बताया कि गंगा देवी को अस्थमा की शिकायत थी, जांच के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए गए।

दूसरा मामला खिसरू विकासखंड के ग्राम पंचायत कोल्ठा इलाके का है। यहां बिटाखोली तोक निवासी 60 वर्षीय सते सिंह रावत की मौत हो गई। वह पिछले दिनों मुंबई से लौटे थे। कुछ दिन हरिद्वार में क्वारंटाइन के बाद 26 मई को उन्हें दस दिन का होम क्वारंटाइन दिया गया था। गुरुवार को तड़के सते सिंह को सीने में दर्द की शिकायत हुई। स्वजनों के अनुसार उन्होंने 108 से संपर्क साधा, लेकिन उन्होंने आने से इन्कार कर दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुके थे।

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