उत्तराखण्ड
केदारनाथ धाम के लिए बने सुरक्षित रास्ते
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद केदारनाथ में थ्री टियर सिस्टम के अंतर्गत सुरक्षा योजना पूरी कर ली है। इसमे 28.25 करोड़ रुपये का खर्च आया है और यह काम नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के माध्यम से किया गया है।
सदन में यह जानकारी देते हुए सरकार ने बताया कि केदारनाथ धाम की सुरक्षा करने को थ्री टियर सिस्टम बनाया गया है। पहले टियर में डिजाइन इस प्रकार बनाया गया कि किसी भी प्रकार की विनाशकारी बाढ़ के आने पर भी मंदाकिनी और सरस्वती नदियां अपने ही रास्ते पर चलें।
दूसरे टियर में भयानक बाढ़ आने की स्थिति में पानी का बहाव कम करने के लिए अर्द्धगोलाकार बीम मंदाकिनी व सरस्वती नदियों के बीचों-बीच लगाए गए हैं। इससे तेज रफ्तार से आने वाला मलबा और बड़े पत्थरों को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। यहां से केवल रेत, पानी व छोटे पत्थर ही बह सकते हैं। तीसरे टियर में जमीन से चार मीटर ऊंची आरसीसी काउंटर वॉल बनाई गई है।
यह दीवार चार मीटर तक गहरे पानी को केदारपुरी से दूर मंदाकिनी और सरस्वती नदी को मिलाएगी। सहायक नदी और नालों का पानी एकत्र करने के लिए भी प्रथम व द्वितीय टियर के बीच तीन मीटर चौड़ी नहर बनाई गई है ताकि यह पानी सरस्वती नदी में मिल सके। यह कार्य अब पूरा हो चुका है।