केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब को लेकर दिए गए बयान के बाद से लगातार विपक्षा पार्टियां उन पर हमलावर हैं। विपक्ष द्वारा उनसे माफी मांगने की मांग भी की जा रही है। इस दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने भी अमित शाह की टिप्पणी को निंदनीय बताया और कहा कि आंबेडकर के अनुयायी तो संघ व भाजपा के नेताओं की ओर देखते भी नहीं।
लालू ने कहा कि बंच आफ थाट्स के अनुचर कभी भी बाबा साहब के विचारों को नहीं अपना सकते। इसलिए अब वे बाबा साहब को गाली से संबोधित कर रहे। संघ और भाजपा के नेताओं की बोली-बात व भाव-भंगिमा से भी आंबेडकर के प्रति घृणा झलक रही है
बाबा साहब को देव-तुल्य बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि शाह की ऐसी संकीर्ण सोच की हम निंदा करते हैं और क्षमायाचना की मांग करते हैं।
- तेजस्वी ने कहा कि बाबा साहब के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं, स्वर चाहिए।
- संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच भाजपा और संघ की पाठशाला से ही पनपती है।
- सौ करोड़ से अधिक वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, शोषित, उपहासित, अनुसूचित जाति, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक एवं समता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, बंधुता और संविधान में विश्वास रखने वाले न्यायप्रिय लोगों के लिए बाबा साहब भगवान से कम भी नहीं हैं।
- करोड़ों लोगों को नारकीय जीवन से छुटकारा दिलाकर उन्होंने उन्हें जीते-जी ही मोक्ष प्रदान कर दिया।
केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद से विपक्ष उन बाबा साहब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगा रहा है। वहीं तेजस्वी यादव ने अमित शाह से माफी मांगने की मांग की है।