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पटना में 27 पाकिस्तानी महिला नागरिकों में से एक पर मुकदमा दर्ज,3 के पासपोर्ट सरेंडर

पटना में रह रहीं 27 पाकिस्तानी महिला नागरिकों में से एक पर मुकदमा दर्ज है जबकि 24 महिलाएं लांग टर्म वीजा पर हैं और तीन ने भारतीय नागरिकता के लिए पासपोर्ट सरेंडर किया है। अधिकांश ने रिश्तेदार से मिलने का हवाला देकर वीजा ले लिया और फिर शादी कर ली। पुलिस उनकी गतिविधियों पर निगरानी रख रही है।
पटना जिले में आवासन कर रहें 27 पाकिस्तानी नागरिकों में सभी महिलाएं हैं। इनमें एक महिला पर मुकदमा भी दर्ज है। वह अभी जमानत पर हैं। मुकदमे का ट्रायल चल रहा है। वहीं, 24 महिलाएं लांग टर्म वीजा पर हैं। जबकि, तीन पाकिस्तानी महिलाओं ने भारतीय नागरिकता पाने के लिए पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है।
इसकी जानकारी एसपी विधि-व्यवस्था संजय कुमार ने शुक्रवार को दी। सूत्र बताते हैं कि अधिसंख्य महिलाओं ने रिश्तेदार से मिलने का हवाला देकर भारत का वीजा प्राप्त किया था। इसके बाद उन्होंने यहीं शादी कर ली। फिर, वीजा की अवधि बढ़ाती रहीं। महिलाओं पर रखी जा रही विशेष निगरानी एसपी ने बताया कि पटना में डेरा डालीं सभी पाकिस्तानी महिला नागरिकों पर निगरानी रखी जा रही है।
संबंधित थाने को उनकी गतिविधियों और अद्यतन स्थिति पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी महिला नागरिकों के संबंध में कोई भी आदेश वरीय स्तर से प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, विशेष शाखा भी उन महिलाओं के बारे में पूरी जानकारी ले रही है।
वे कब यहां आईं, किन परिस्थितियों में उनके वीजा की अवधि बढ़ाई गई, क्या शादी के बाद उन्हें संतान भी हुआ और यदि हां तो क्या इसकी जानकारी दूतावास को दी गई थी अथवा नहीं? समेत अन्य जानकारी के साथ हरेक पाकिस्तानी महिला नागरिक की कुंडली तैयार की जा रही है।
एक महिला पर मुकदमा दर्ज है और उसका ट्रायल चल रहा है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बाकी 26 महिलाओं का वीजा रद कर उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सकता है।
लेकिन, जिस पाकिस्तान मूल महिला पर मुकदमा विचाराधीन है, उसे कोर्ट के आदेश के बिना डीपोर्ट नहीं किया जा सकता। इसका कारण यह है कि महिला को सुनवाई के दौरान उपस्थित होना अनिवार्य है। अगर अदालत उन्हें दोषी पाता है तो सजा भी हो सकती है। ऐसी सूरत में उस महिला को वापस उसके मुल्क नहीं भेजा जा सकता।