उत्तराखण्ड

बदरीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम के पूजाओं की आनलाइन बुकिंग, दो मई को खुलेंगे कपाट

 बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में पूजा के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है। पहले दिन दोनों धामों में कुल 93 पूजा बुक हुई हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई और केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे। तीर्थयात्री मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूजा बुक कर सकते हैं। आइए जानते हैं विस्‍तार से।

आगामी चारधाम यात्रा को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने बदरीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम में पूजा कराने के लिए आनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है। पहले दिन कुल 93 पूजा आनलाइन बुकिंग हुई।
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस यात्रा वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट दो मई जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को खुल रहे है। तीर्थयात्री मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in पर जाकर बदरीनाथ और केदारनाथ में होने वाली प्रातःकालीन, सांयकालीन व लंबी अवधि की पूजाओं की बुकिंग 30 जून तक के लिए बुक कर सकते है।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि दोनों धाम की आनलाइन पूजा के निर्धारित दर मंदिर समिति की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वहीं बीकेटीसी के इंटरनेट कार्डिनेटर दीपेंद्र रावत ने बताया कि बदरीनाथ धाम के लिए 30 प्रतिशत और केदारनाथ के लिए बीस प्रतिशत पूजा आनलाइन बुक हो रही है। आनलाइन पूजा बुकिंग करने वाले यदि किसी कारण से धाम में नहीं आ पाते तो उनके नाम की पूजा संबंधित दिवस व समय पर की जाती है। इसके अलावा लंबी अवधि की पूजा कराने वाले श्रद्धालुओं के घर हर वर्ष प्रसाद उनके घर भेजा जाता है।

ऐसे करें आनलाइन बुकिंग

  • श्रद्धालु श्री बदरीाथ-केदारनाथ मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in पर पूजा की बुकिंग कर सकते हैं।
  • गूगल में वेबसाइट सर्च करने पर पूजाओं का विवरण व बुकिंग का विकल्प दिया आएगा।
  • वहां श्रद्धालु अपना व परिवार के सदस्यों का नाम, गोत्र, शहर का नाम दर्ज करना होगा।
  • साथ ही कौन-सी पूजा करवानी है, इसका भी उल्लेख जरूरी है।
  • बदरीनाथ धाम की पूजाओं में अभिषेक, महाभिषेक पूजा, वेदपाठ, गीता पाठ, विष्णुसहस्त्रनाम पूजा, चांदी आरती, स्वर्ण आरती, गीत गोविंद पाठ शयन आरती शामिल है।
  • केदारनाथ की पूजाओं में रुद्राभिषेक पूजा, लघु रूद्राभिषेक महामृत्युंजय पाठ, षोडशोपचार पूजा, शायं कालीन आरती आदि शामिल है।

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