उत्तरप्रदेश

यूपी में उपचुनाव को लेकर दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भाजपा कटेहरी, मझवां, फुलपुर और मिल्कीपुर सीट पर पिछड़े नेताओं को ही चुनाव लड़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। दिल्ली में रविवार को केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई भाजपा की बैठक में कटेहरी, मिल्कीपुर और मझवां सीट को लेकर सबसे ज्यादा माथापच्ची हुई।

सूत्रों का कहना है कि सुरक्षित सीट होने की वजह से मिल्कीपुर से कोई दलित चेहरा तो उतरेगा ही। साथ ही कटेहरी और मझवां सीट पर भी पिछड़े चेहरे को ही उतारा जाएगा।

दरअसल मिल्कीपुर और कटेहरी सीट जीतना भाजपा के लिए सबसे अधिक प्रतिष्ठा का सवाल है और मुख्यमंत्री योगी ने खुद इन दोनों सीटों की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले रखी है। इसलिए भाजपा इन दोनों सीटों पर कोई खतरा मोल नहीं नहीं लेना चाहती है।

बैठक में एक-एक सीट पर जातीय समीकरण और मौजूदा मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रदेश के नेताओं ने केन्द्रीय नेतृत्व को अब तक की तैयारियों की जानकारी दी। बताया कि पहले चरण के प्रचार, संपर्क और संवाद का कार्यक्रम पूरा हो चुका है।

साथ ही मुख्यमंत्री योगी द्वारा सभी सीटों पर किए गए कार्यक्रमों, विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास के साथ ही अब तक की गई जनसभाओं की जानकारी भी दी गई।

वहीं, केन्द्रीय नेतृत्व को 8-9 सीटें जीतने का भरोसा भी दिया गया है। बैठक में सपा और बसपा द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के लिहाज से रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा हुई। खास कर उन सीटों पर चुनाव जीतने को लेकर अधिक प्रभावी तरीके से काम करने पर सहमति बनी है, जिन पर सपा का कब्जा है।

संजय निषाद को मनाएगी भाजपा

बैठक में नौ सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनने के बाद कटेहरी और मझवां सीटों पर दावेदारी करने वाले संजय निषाद को मनाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को सौंपी गई है।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीनों नेताओं से संजय निषाद को समझाने के लिए कहा है। दरअसल इन दोनों सीटों पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने दावा कर रखा है।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा निषाद को सिर्फ एक सीट देने पर विचार कर रही है, वह भी प्रत्याशी भाजपा के ही सिंबल पर ही चुनाव लड़ेगा। हालांकि निषाद इस फार्मूले पर सहमत नहीं हैं।
गठबंधन धर्म का पालन होः निषाद
वहीं, संजय निषाद का कहना है कि गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में कटेहरी और मझवां निषाद पार्टी को दी गई थी, तो इस बार क्यों नहीं।

जबकि 2022 में मीरापुर सीट जीतने की वजह से यह सीट फिर से रालोद को जा रही है तो उन्हें भी दोनों सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लगातार बात हो रही है। कोई हल जरूर निकलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button