अजब-गजब
गलत ऑपरेशन से चली गयी आंख की रोशनी,आई हॉस्पिटल के खिलाफ पांच लाख रुपये का जुर्माना

मुजफ्फरपुर उपभोक्ता आयोग ने गलत ऑपरेशन से आंख की रोशनी छीनने पर मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सारण की नीला देवी ने 2017 में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और दिखना बंद हो गया। आयोग ने हॉस्पिटल को सेवा में कमी का दोषी पाया।
जिला उपभोक्ता आयोग ने गलत ऑपरेशन कर आंख की रोशनी छीनने के मामले में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के खिलाफ पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
मामला सारण जिले के पहलेजाघाट थाना क्षेत्र के खरिका निवासी नीला देवी से जुड़ा है। 14 नवंबर 2017 को मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में दाहिने आंख का ऑपरेशन करवाई थी।
हॉस्पिटल द्वारा सात सौ रुपये शुल्क लिया गया। मोतियाबिंद की बीमारी से वह परेशान थी। ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ती चली गई, लेकिन हॉस्पिटल के द्वारा उचित उपचार नहीं किया गया।
अंतत: महिला को दाहिने आंख से दिखना बंद हो गया। पीड़ित महिला ने थक-हारकर मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से 31 मार्च 2022 को जिला उपभोक्ता आयोग मुजफ्फरपुर में परिवाद दर्ज कराया।
इसमें आई हॉस्पिटल के छह विरोधी पक्षकार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, चिकित्सक डॉ. प्रवीण कुमार और ओटी असिस्टेंट के विरुद्ध आयोग के समक्ष सुनवाई हुई।
इसके पश्चात आयोग ने माना कि आई हॉस्पिटल द्वारा उपभोक्ता को सकारात्मक सेवा प्रदान नहीं की गई है, जो अधिनियम के विरुद्ध है। हॉस्पिटल द्वारा पीड़ित महिला का सही से इलाज नहीं किया गया।
आयोग के आदेश पर सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर के द्वारा चिकित्सकों की टीम बनाकर जांच की गई, इसमें पाया गया की पीड़िता की आंख की रोशनी सदा के लिए समाप्त हो चुकी है। दोबारा आंख की रोशनी नहीं लौट सकती है।
सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष पियूष कमल दीक्षित एवं सदस्य सुनील कुमार तिवारी की पीठ ने पीड़िता को उनके शेष बचे जीवन व भरण-पोषण के लिए हॉस्पिटल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 45 दिनों के अंदर सुनिश्चित करें। 10 हजार रुपये वाद खर्च भी अदा करें। अगर 45 दिनों के अंदर आयोग द्वारा पारित निर्णय का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो हॉस्पिटल को कुल पांच लाख 10 हजार रुपये का भुगतान नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया गया है।