उत्तराखण्ड

तकनीकी विश्वविद्यालय ने बाँट दी एम.बी.ए. की गलत मार्कशीट, चोरी छिपे मांग रहे वापस

देहरादून।उत्तराखंड तकनिकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण में डी.ए.वी. छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र संघटनो ने वाईस चांसलर डॉ. ओमकार सिंह, एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के. पटेल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे के मांग की थी ! परन्तु फिर भी परीक्षा विभाग की अनिमिताये रुक नहीं रही है। विश्वविद्यालय ने काफी बड़ी संख्या में एम.बी.ए. की गलत मार्कशीट छाप दी है जिसमे दो सेमेस्टर में एक जैसा सी जी पी ए दे दिया गया है। छात्रों के विरोध करने पर पोल पट्टी खुलने के डर से कई माह बाद अब विश्वविद्यालय का इ.आर.पी. विभाग चोरी छिपे बच्चो से मार्कशीट वापस मांग रहा है। परन्तु काफी छात्र काफी दूर नौकरिया कर रहे है एवं उनका अब वापस आ पाना काफी मुश्किल है। समझ से परे है की यदि कोई तकनिकी गलती थी तो परीक्षा विभाग ने लिखित में नोटिस क्यों नहीं निकाला। इसको भी कुलपति साहब शायद तकनिकी गलती बताकर इ.आर.पी. वालो को बचाने में लगे है। सवाल ये है कि ये कोई गलती है या फिर भ्रस्टाचार को बढ़ावा देने की कोई सोची समझी चाल है। उन्होंने विश्विद्यालय एवं शासन से फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण एवं एम.बी.ए. की गलत मार्कशीट प्रकरण को तुरंत गम्भीरता से लेने एवं  डॉ. ओमकार सिंह एवं डॉ. वी. के. पटेल को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। यदि ऐसे गंभीर प्रकरणो पर सरकार ने शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया एवं यू घ्म एस एवं इ.आर.पी. को तुरंत नहीं बदला गया तो विश्विद्यालय की विश्वनीयता भंग हो जाएगी। ऐसे में छात्र संघटनो के पास राज्य स्तर का आंदोलन करने एवं तकनीकी शिक्षा मन्त्री जी का घेराव करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।

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