गोरखपुर में बड़ा सड़क हादसा, सड़क की मरम्मत कर रहे मजदूरों को डंपर ने रोंदा
मोहद्दीपुर रेलवे कालोनी के सामने शुक्रवार की भोर में तेज रफ्तार डंपर ने पिकअप में टक्कर मारने के बाद पांच मजदूरों को रौंद दिया। हरदोई व सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर रुप से घायल हुए दो का मेडिकल कालेज में उपचार चल रहा है। दो मजदूर सड़क किनारे सोए थे और एक सड़क किनारे सफेद पट्टी बना रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दु:ख जताते हुए हादसे में मरने वालों के स्वजन को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।
ऐसे हुई दुर्घटना
एयरफोर्स स्टेशन से मोहद्दीपुर-पैडलेगंज होते हुए सर्किट हाउस तक सड़क की मरम्मत के साथ ही दोनों किनारे सफेद पट्टी लगाने का कार्य चल रहा है। शुक्रवार की भोर में 3.30 बजे सिद्धार्थनगर, भवानीगंज के पुरैना निवासी अर्जुन चौहान व राजेश चौरसिया मोहद्दीपुर रेलवे कालोनी के सामने सड़क किनारे सफेद पट्टी बना रहे थे। कुछ दूरी पर इनकी पिकअप खड़ी थी, जिसमें पट्टी बनाने की मशीन व समान था।
इसी दौरान मोहद्दीपुर की तरफ पहुंचे तेज रफ्तार डंपर ने पिकअप में टक्कर मारने के बाद पट्टी बना रहे अर्जुन, राजेश के साथ ही सड़क किनारे सोए हरदोई जिले के संडीला निवासी गंगाराम, मानसूननगर निवासी शैलेंद्र व उसके छोटे भाई कुलदीप को रौंद दिया। हादसे में गंगाराम, अर्जुन व शैलेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।रेलवे कालोनी में बने टीनशेड़ के मकान को तोड़ते हुए पेड़ से टकराने के बाद डंपर रुका, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने चालक को पकड़ लिया। हादसे की खबर मिलते ही कैंट पुलिस के साथ डीएम विजय किरन आनन्द, एसएसपी डा. विपिन ताडा मौके पर पहुंच गए।
एक साल पहले हुई थी शैलेंद्र की शादी
मानसूनगर के रहने वाले शैलेंद्र की एक साल पहले शादी हुई है। मेडिकल कालेज में भर्ती छोटे भाई कुलदीप ने बताया कि दो दिन पहले भाभी को लाने के लिए माता-पिता हरदोई गए हैं। चार जून के बाद उन्हें लेकर आते, इससे पहले हादसा हो गया।
पेड़ ने बचा ली 20 मजदूरों की जान
हरदोई जिले के रहने वाले 20 मजदूरों का परिवार मोहद्दीपुर से पैडलेगंज के बीच सड़क किनारे टेंट डालकर रहता है। यह लोग टेडी बियर बनाते और बेचते हैं। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने सबका टेंट सड़क किनारे से हटवा दिया है। जिसके बाद परिवार समेत सभी मजदूर मोहद्दीपुर रेलवे कालोनी की सड़क पर सोते हैं। शुक्रवार की रात में भी यह लोग सड़क पर ही सोए थे।संयोग ठीक रहा कि पेड़ से टकराने के बाद बेकाबू डंपर रुक गया, नहीं तो स्थित और भयावह होती।